दांव पर 12 लाख से ज्यादा Debit, Credit Card के डाटा! Lok Sabha में क्या बोली सरकार?
Debit Card data news: सरकार से पूछा गया कि क्या सरकार को 12 लाख से ज्यादा लोगों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का डाटा ऑनलाइन बेचे जाने या हैकिंग की कोई शिकायत मिली है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और बैंकों को इस बारे में अलर्ट किया है कि वो इन रिपोर्ट्स को वेरिफाई करें और जरूर कदम उठाएं. (Twitter)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और बैंकों को इस बारे में अलर्ट किया है कि वो इन रिपोर्ट्स को वेरिफाई करें और जरूर कदम उठाएं. (Twitter)
Debit Card data news: ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड का मुद्दा आज लोकसभा (Loksabha) में भी उठा. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि पांच बड़े बैंकों SBI, ICICI, HDFC Bank, Axis Bank, PNB पर ऑनलाइन चोरों की नजर है. समय समय पर रिजर्व बैंक (RBI) लोगों को डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर सचेत करता रहा है. आज लोकसभा में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) डाटा चोरी को लेकर सवाल पूछा गया. सरकार से पूछा गया कि क्या सरकार को 12 लाख से ज्यादा लोगों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का डाटा ऑनलाइन बेचे जाने या हैकिंग की कोई शिकायत मिली है. और अगर ऐसा हुआ तो सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं.
13 लाख डेबिट, क्रेडिट कार्ड के डाटा डार्कनेट पर: सरकार (13 lakh debit, credit card data on darknet: Govt)
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर संसद में बताया कि भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने जानकारी दी है कि, ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि अक्टूबर 2019 में 13 लाख भारतीय क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्डधारकों की जानकारी डार्कनेट फोरम पर मौजूद है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और बैंकों को इस बारे में अलर्ट किया है कि वो इन रिपोर्ट्स को वेरिफाई करें और जरूर कदम उठाएं.
सरकार ने उठाए जरूरी कदम (Government has taken necessary steps)
इसके अलावा भारत सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम में साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. जैसे-
1. CERT-In रिजर्व बैंक और बैंकों के साथ मिलकर फिशिंग वेबसाइट्स को ट्रैक कर उसे डिसेबल कर रहा है
2. CERT-In लेटेस्ट साइबर अटैक और उसके समाधान को लेकर रेगुलर अलर्ट जारी करता रहता है
3. बेहतर इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के लिए संस्थानों में सिक्योरिटी ऑडिट को मनोयन करना
4. सरकार के साइबर स्वच्छ केंद्र (Botnet Cleaning and Malware Analysis Centre) लोगों और संस्थानों को ऐसे मालवेयर प्रोग्राम से निपटने के लिए मुफ्त में टूल्स मुहैया कराते हैं
5. सरकार ने नेशनल साइबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर (NCCC) बनाएं हैं जो साइबर सिक्योरिटी की चेतावनियों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाते हैं
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क्या गलत लेन-देन पर सरकार देगी मुआवजा (Will the government pay compensation for wrong transactions)
सरकार से ये भी पूछा गया कि अगर किसी को डाटा चोरी की वजह से वित्तीय नुकसान होता है तो क्या इसके लिए बैंक या सरकार मुआवजा देने के लिए जिम्मेवार है? इस पर सरकार ने कहा कि
कस्टमर की गलती नहीं तो बैंक देगा मुआवजा (If the customer is not at fault, the bank will give compensation)
RBI ने फ्रॉड डिजिटल ट्रांजैक्शन की स्थिति में जिम्मेवारियों पर 6 जुलाई 2017 को एक फ्रेमवर्क जारी किया था. जिसके मुताबिक कस्टमर की जिम्मेदारी कहां तय होगी.
1. जीरो जिम्मेवारी- कस्टमर को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा अगर गलती बैंक की तरफ से हुई है. अगर गलती न तो बैंक की है न कस्टमर की, बल्कि सिस्टम में कहीं चूक हुई है और इसकी जानकारी कस्टमर तीन कामकाजी दिनों के अंदर बैंक को दे देता है.
2. सीमित जिम्मेवारी-
(A) अगर नुकसान खुद कस्टमर की गलती से हुआ है, ऐसे में कस्टमर को सारा नुकसान खुद उठाना होगा जब तक कि वो बैंक को इस लेन-देन की सूचना देता है
(B) अगर गलती न तो कस्टमर की है और न ही बैंक की बल्कि सिस्टम की चूक है जिसकी सूचना कस्टमर बैंक को 4 से 7 कामकाजी दिनों में दे देता है, तब कस्टमर को अधिकतम नुकसान 5000-25,000 रुपये उठाना होगा
(C) बोर्ड से मंजूरी- अगर किसी गलत ट्रांजैक्शन की जानकारी 7 कामकाजी दिनों के बाद दी जाती है, तब कस्टमर की जिम्मेवारी बैंक के बोर्ड अप्रूवल पॉलिसी से तय होगी.
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03:37 PM IST